तन से दूरी है मन में राष्ट्रवाद है, अपना इंसानियत ही संवाद है! तन से दूरी है मन में राष्ट्रवाद है, अपना इंसानियत ही संवाद है!
दिल तो रोया मगर मुस्कुराना पड़ा दिल तो रोया मगर मुस्कुराना पड़ा
नहीं चाहे वो अपने चरणों पर फ़ूल, गहने या देवी का स्थान, बस माँगती है अपना इंसान होने का मान। नहीं चाहे वो अपने चरणों पर फ़ूल, गहने या देवी का स्थान, बस माँगती है अपना इ...
तुझ बिन ये जिंदगी बेमतलब सी लगती है बेमतलब सी लगती है। तुझ बिन ये जिंदगी बेमतलब सी लगती है बेमतलब सी लगती है।
बिके धर्म, जमीर अरु तन, कहीं मूल, राष्ट्र अमूर्त अनंत, बिके धर्म, जमीर अरु तन, कहीं मूल, राष्ट्र अमूर्त अनंत,
राष्ट्र यज्ञ में जो करे, प्राणों का उत्सर्ग राष्ट्र यज्ञ में जो करे, प्राणों का उत्सर्ग